चेन चोर पकड़ने की बजाय पुलिस ने परिवादी से कहा- जांच से संतुष्ट होने का लिखकर दो, चंदा करके हम पैसे दे देंगे

सरदारपुरा प्रथम बी रोड निवासी मुस्कान मूंदड़ा 28 नवंबर को मां संतोष के साथ रणकपुर एक्सप्रेस से सूरत जा रहे रिश्तेदार से मिलने स्टेशन गई थीं। तभी किसी बदमाश ने संतोष के गले पर झपट्टा मार 23 ग्राम की सोने की चेन लूट ली। पहले तो जीआरपी ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की। बाद में 1 दिसंबर को केस दर्ज किया। मुस्कान को जांच अधिकारी एसआई धीरेंद्र कुमार ने बताया कि जहां वारदात हुई, वहां का सीसीटीवी कैमरा आरपीएफ के मुताबिक खराब था। 16 दिसंबर को पुलिस ने मामले को अदम पता माल मुल्जिम मानते हुए 17 को एफआर रेलवे कोर्ट में पेश करने की सूचना परिवादी को दी। मुस्कान थाने पहुंचीं तो उन्हें पुलिस के प्रयासों का हवाला देते हुए यह लिखकर देने को कहा गया कि वे जांच से संतुष्ट हैं। मूंदड़ा ने अधिकारियों से आग्रह किया कि गहराई से पड़ताल करें, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। एकबारगी तो परिवादी से कहा कि आप तो लिखकर दे दो, हम स्टाफ वाले चंदा करके आपको चेन के रुपए दे देंगे, लेकिन मूंदड़ा ने लिखकर नहीं दिया। 18 को एक दूसरा पत्र उनके घर आया। उसमें 20 को सुबह 10 बजे कोर्ट में एफआर पेश करने की सूचना देते हुए उपस्थित रहने को कहा गया।

जोधपुर से चोरी हुई बाइक में पाली में पेट्रोल भरवाने की पुष्टि, परिवादी का जांच का अाग्रह, पुलिस बोलीं- कोर्ट में रि-ओपन का आवेदन करें

क्राइम रिपोर्टर | जोधपुर

साल के आखिरी महीने में पुलिस का लक्ष्य पेंडिंग मुकदमों का जैस-तैसे निस्तारण करने का रहता है इसलिए इन दिनों ज्यादातर मामलों में पुलिस एफआर लगाने में जुटी है। इसी बीच दो रोचक मामले सामने आए, जिनमें से एक में जीआरपी ने चैन स्नेचिंग जैसे संगीन मामले में गहनता से पड़ताल की बजाय परिवादी से ही जांच से संतुष्ट होने का लैटर जबरन लिखवाने में जुटी रही। दूसरे मामले में जोधपुर से चोरी हुई मोटर साइकिल में पाली के सोजत सिटी में डेबिट कार्ड से भुगतान कर पेट्रोल भरवाए जाने का मैसेज परिवादी के मोबाइल पर मिला। पीड़ित ने पुलिस से इसकी जांच करने का आग्रह किया, तो उसे कोर्ट में केस रि-ओपन कराने के लिए अर्जी लगाने को कहा जा रहा है।

परिवादी ने लिखकर नहीं दिया तो भेजा पत्र कि कोर्ट में एफआर लगा रहे हैं

केस

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अदम पता माल-मुल्जिम में एफआर, लेकिन फाइल बंद नहीं होती...

साल के आखिरी में केस खत्म करने जबरन लिखवा रही संतुष्टि लेटर

चेन स्नेचिंग के मामले में पूछे जाने पर जीआरपी थानाधिकारी (आरपीएस) रवींद्र बोथरा ने बताया कि तय प्रक्रिया के तहत परिवादी को सूचना दी गई थी। अदम पता माल-मुल्जिम में एफआर भले ही लग रही है, लेकिन ऐसे मामलों की फाइल कभी बंद नहीं होती है। इस प्रकरण की जांच के लिए पर्याप्त प्रयास किए गए थे। आगे भी अन्य प्रकरणों के साथ इसकी जांच भी जारी रहेगी और मुल्जिम के पकड़े जाने पर केस रि-ओपन कर अनुसंधान किया जाएगा।

टालासन

चोरी गई बाइक पाली में होने की जानकारी लेकर आया युवक, पुलिस ने टरकाया

केस

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मधुबन हाउसिंग बोर्ड निवासी तेजसिंह राठौड़ पुत्र जब्बरसिंह ने पिता के नाम से बाइक खरीदी। 8 फरवरी को उनका भाई रणजीतसिंह शादी में वीडियोग्राफी करने के लिए बाइक लेकर बोरानाडा स्थित गार्डन में गए थे जहां से बाइक चोरी हो गई। तेजसिंह ने अगले ही दिन बोरानाडा थाने में केस दर्ज कराया। 28 फरवरी को बोरानाडा पुलिस ने अदम पता माल-मुल्जिम मानते हुए केस में एफआर लगा दी। इसके 10 महीने बाद 16 दिसंबर को दोपहर 1:24 बजे मोबाइल पर आए मैसेज को देख तेजसिंह चौंक गए, क्योंकि उसमें उन्हीं की चोरी हुई बाइक में किसी ने सोजत सिटी में डेबिट कार्ड से 110 रु. का पेट्रोल भराया था। चूंकि, तेजसिंह ने बाइक खरीदते समय मोबाइल नंबर कंपनी में पंजीकृत कराए थे, इसी के चलते मैसेज आया था। राठौड़ ने मैसेज के स्क्रीनशॉट और अन्य जानकारी के साथ एक आवेदन पुलिस कमिश्नर, बोरानाडा थाना पुलिस को स्पीड पोस्ट से 18 दिसंबर को भेजा। इसमें डेबिट कार्ड मालिक के बारे में जांच करने का आग्रह किया गया। इस पर पुलिस का कहना है कि परिवादी द्वारा डाक से भेजी गई जानकारी के आधार पर पड़ताल की जा रही है। ठोस जानकारी मिलने पर केस रि-ओपन कर कार्रवाई करेंगे।